Home National योगी सरकार ने ब्लैक फंगस को लेकर जारी की एडवाइजरी

योगी सरकार ने ब्लैक फंगस को लेकर जारी की एडवाइजरी

0
योगी सरकार ने ब्लैक फंगस को लेकर जारी की एडवाइजरी

लखनऊः कोरोना संकट के बीच आबादी के हिसाब से देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में खतरनाक ब्लैक फंगस यानि म्यूकरमाइकोसिस का भी केस तेजी से पांव पसारता जा रहा है। ऐसे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व उनकी टीम एक्शन मोड पर है। ऐसे में योगी सरकार ने ब्लैक फंगस को लेकर एडवाइजरी भी जावंशरी कर दी है। जिसमें लक्षण, सावधानियां, क्या करें व क्या न करें आदि समाहित है। वरिष्ठ डॉक्टर ने ब्लैक फंगस से बचने के तरीके बताएं हैं।

क्या हैं लक्षण

1- बुखार, सिरदर्द, खांसी व सांस फूल रही हो।

2- नाक बंद व नाक में म्यूकस के साथ खून आ रहा हो।

3- आंख में दर्द, सूजन व दो दिख रहा हो या दिखना बंद हो जाए। – चेहरे में एक तरफ दर्द हो, सूजन हो या सुन्न हो।

5- दांत में दर्द हो, दांत हिलने लगें व चबाने में दर्द हो।

6- उल्टी में या खांसने पर बलगम में खून आये।

किसे हो सकता है

1- कोविड के दौरान स्टेरॉयड दवा दी गयी हो- डेक्सामिथाजोन, मिथाइल प्रेडनिसोलोन इत्यादि।

2- कोविड मरीज को ऑक्सीजन पर रखना पड़ा हो या आईसीयू में रखना पड़ा हो।

3- डायबिटीज का अच्छा नियंत्रण ना हो।

4- कैंसर, किडनी ट्रांसप्लांट इत्यादि के लिए दवा चल रही हो।

क्या करें

उपर्युक्त में से कोई भी लक्षण होने पर तत्काल सरकारी अस्पताल में या किसी अन्य विशेषज्ञ डॉक्टर को दिखाएं। नाक कान गले, आंख, मेडिसिन, चेस्ट या प्लास्टिक सर्जरी विशेषज्ञ से तुरंत दिखाएं और लगकर इलाज शुरू करें।

सावधानियां

1-स्वयं या किसी गैर विशेषज्ञ डॉक्टर के, दोस्त मित्र या रिश्तेदार के कहने पर स्टेरॉयड दवा कतई शुरू ना करें. स्टेरॉयड दवाएं जैसे – डेक्सोना, मेड्रोल इत्यादि।

2-लक्षण के पहले 5 से 7 दिनों में स्टेरॉयड देने से दुष्परिणाम होते हैं. बीमारी शुरू होते ही स्टेरॉयड शुरू ना करें. इससे बीमारी बढ़ जाती है।

3-स्टेरॉयड का प्रयोग विशेषज्ञ डॉक्टर कुछ ही मरीजों को केवल 5-10 दिनों के लिए देते हैं, वो भी बीमारी शुरू होने के 5-7 दिनों बाद केवल गंभीर मरीजों को, इसके पहले बहुत सी जांच आवश्यक है।

4-इलाज शुरू होने पर डॉक्टर से पूछें कि इन दवाओं में स्टेरॉयड तो नहीं है. अगर है, तो ये दवाएं मुझे क्यों दी जा रही हैं?

5-स्टेरॉयड शुरू होने पर विशेषज्ञ डॉक्टर के नियमित संपर्क में रहें।